Unite in the Nation’s Interest and Boycott Turkey and China – An Appeal by the COBI
कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ बहादुरगढ़ इंडस्ट्रीज (कोबी ) के अध्यक्ष प्रवीण गर्ग एवं कोबी के सभी माननीय प्रतिनिधियों ने झज्जर ज़िले के समस्त उद्यमियों, व्यापारियों एवं जागरूक नागरिकों से एक अत्यंत महत्वपूर्ण अपील करते हुए कहा है कि अब समय आ गया है जब हमें राष्ट्रीय एकता एवं देशहित को सर्वोपरि रखते हुए, व्यापारिक और पर्यटन दृष्टि से टर्की एवं चीन जैसे देशों का पूर्ण बहिष्कार करना चाहिए। यह बहिष्कार केवल आर्थिक रूप से नहीं, बल्कि हमारे देश की सुरक्षा, हमारे सैनिकों के हौसले, और भारत की संप्रभुता की रक्षा के प्रति हमारी निष्ठा को भी दर्शाएगा।
कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ बहादुरगढ़ इंडस्ट्रीज़ का यह स्पष्ट मत है कि टर्की जैसे देश ने भारत के साथ विश्वासघात किया है। वर्ष 2023 में जब टर्की भीषण भूकंप की त्रासदी से जूझ रहा था और लगभग 44,000 लोगों की मृत्यु हुई थी, उस समय भारत ने सबसे पहले मानवता के आधार पर पहल करते हुए उसे लगभग 130 मिलियन अमरीकन डॉलर की आर्थिक सहायता प्रदान की थी। आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में ही लगभग 3 लाख भारतीय पर्यटकों ने टर्की की यात्रा की जिससे वहां की पर्यटन अर्थव्यवस्था को लगभग 3500 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष लाभ हुआ। लेकिन जब भारत को आतंकवाद के विरुद्ध कार्यवाही करनी पड़ी और पाकिस्तान के साथ तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई, तो उसी टर्की नें जिस थाली में खाया उसी में छेद करते हुए पाकिस्तान का साथ दिया। यह केवल कूटनीतिक समर्थन नहीं था, बल्कि उसने पाकिस्तान को सैन्य सहयोग भी प्रदान किया।
इसी प्रकार चीन, जिसकी अर्थव्यवस्था का बड़ा आधार भारतीय उपभोक्ता हैं, वह भी हर मोड़ पर भारत के विरोध में खड़ा दिखाई देता है। चीन का व्यापारिक मॉडल मुख्यतः सस्ते उत्पादों के वैश्विक निर्यात पर आधारित है और भारत उसकी सबसे बड़े बाज़ारों में से एक है। हर वर्ष जब भारत में त्योहारों का मौसम आता है, चीन भारतीय बाज़ारों में अपने उत्पादों की बाढ़ ला देता है — चाहे वो पिचकारी हो, पटाखे, दीपावली की सजावट हो या बच्चों के खिलौने। हम भारतीय इन्हें बड़े उत्साह से खरीदते हैं, और अनजाने में चीन की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने का काम करते हैं।
यदि हम सभी भारतीय नागरिक एकजुट होकर यह संकल्प लें कि हम टर्की और चीन जैसे विश्वासघाती देशों का बहिष्कार करेंगे — न तो उनके उत्पाद खरीदेंगे और न ही पर्यटन के लिए वहाँ जाएंगे — तो निश्चित ही इन देशों की अर्थव्यवस्था पर करारा प्रभाव पड़ेगा। यह केवल विरोध नहीं, बल्कि हमारे आत्मसम्मान और आत्मनिर्भर भारत की ओर एक सशक्त कदम होगा।
आज भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेज़ी से अग्रसर है। हमारे देश के उद्यमी, नवाचारकर्ता और श्रमिक वर्ग इतने सक्षम हैं कि वे हर प्रकार के उत्पाद स्वयं देश में निर्मित कर सकते हैं। अब आवश्यकता है कि हम ‘मेक इन इंडिया’ को अपनाएं और विदेशी विकल्पों को नकारें। हमारी यह भूमिका केवल आर्थिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्वाभिमान की प्रतीक होगी।
अतः कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ बहादुरगढ़ इंडस्ट्रीज (कोबी) झज्जर ज़िले के समस्त उद्योगपतियों, व्यापारियों एवं आम नागरिकों से अनुरोध करती है कि वे इस राष्ट्रहित के अभियान में सक्रिय भाग लें, टर्की एवं चीन का पूर्ण बहिष्कार करें और अपने क्रय निर्णयों के माध्यम से यह संदेश दें कि भारत अब बदल चुका है। यह नया भारत है — जो मित्रता भी पूरी निष्ठा से निभाता है और अपने राष्ट्र के सम्मान के लिए किसी भी कीमत पर दुश्मनों का डटकर सामना करने में पूरी तरह सक्षम है।
जय हिंद। जय भारत
वंदे मातरम्।