The COBI Delegation Congratulates Haryana CM Nayab Saini on His Visit to Bahadurgarh
नमस्कार
जिले के उद्योगों द्वारा मुख्यमंत्री जी के बहादुरगढ़ आगमन पर हार्दिक अभिनंदन
कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ बहादुरगढ़ इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधिमंडल नें झज्जर जिले के सभी उद्योगों की ओर से 3 जनवरी 2025 को बहादुरगढ़ में आने के लिए हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री महोदय श्री नायब सैनी जी को शुभकामनाएं दी और अभिनंदन व्यक्त किया। कोबी ने आभार प्रकट करते हुए कहा की माननीय मुख्यमंत्री जी के बहादुरगढ़ आने पर हमारे जिले के उद्योगों को नई गई और मार्गदर्शन मिलेगा। बहादुरगढ़ के माननीय विधायक महोदय श्री राजेश जून जी और माननीय बीजेपी झज्जर जिला अध्यक्ष श्री राजपाल जांगड़ा जी के समक्ष झज्जर जिले के उद्योगों की कुछ मांगे और हरियाणा बजट 2025-26 के लिए कुछ सुझाव रखे ताकि वे माननीय मुख्यमंत्री जी के साथ इन सुझावों को सांझा कर सकें।
कोबी द्वारा भगवान से प्रार्थना एवम सरकार से निवेदन
कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ बहादुरगढ़ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष प्रवीण गर्ग, संयुक्त सचिव सुरेंद्र वशिष्ठ, कोषाध्यक्ष अशोक कुमार मित्तल एवम माननीय कार्यकारिणी सदस्य और झज्जर जिले के उद्योगपति गुरप्रीत सिंह, तिलक राज गर्ग, संजय जैन, विकास गुप्ता, मनीष गुप्ता, पंकज गर्ग और अन्य माननीय कोबी सदस्यों ने झज्जर जिले के सभी उद्योगों का प्रतिनिधित्व करते हुए गणपति मंदिर में दर्शन कर बागवान श्री गणेश से प्रार्थना की और सरकार के प्रतिनिधियों से निवेदन करते हुए अपने जिले के उद्योगों का विकास सुनिश्चित करने के लिए, आगामी हरियाणा बजट 2025- 26 के लिए उद्योगों के कुछ सुझाव और विकास हेतु उनकी कुछ मांगे सरकार के समक्ष रखी।
औद्योगिक श्रमिकों के लिए सब्सिडी दरों पर आवास- औद्योगिक श्रमिकों के जीवन स्तर को सुधारने और यात्रा संबंधी चुनौतियों को कम करने के लिए किफायती आवास सुविधाएं प्रदान की जाएं।
टीकरी बॉर्डर- गेटवे ऑफ़ हरियाणा की जर्जर हालत – टिकरी बॉर्डर, जो हरियाणा का प्रवेश द्वार है, उसकी भी स्थिति बेहद दयनीय है। अतिक्रमण और टूटी सड़कों के कारण बहादुरगढ़ में प्रवेश करते समय यह स्थान किसी को भी अच्छा अनुभव नहीं देता। इसे सुधारने की सख्त जरूरत है ताकि बहादुरगढ़ आने वालों के मन में इस स्थान की एक अच्छी छवि बने।
उद्योगिक क्षेत्रों में सड़कों की जर्जर हालत-
बहादुरगढ़ से झज्झर को जोड़ने वाली रोड की भी वर्षों से बेहद दयनीय स्थिति है परंतु कोई ध्यान नहीं दे रहा। इसका भी निर्माण कार्य जल्द से जल्द कराया जाए।
44 फूटा जसोरखेरी रोड जो की कुछ समय पहले ही पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाया गया था उसकी दोबारा से वही ख़स्ता हालत हो चुकी है। यहाँ तरह तरह की उद्यौगिक इकाइया हैं जिनको इस रोड की जर्जर हालत के कारण समस्या होती हैं इसे भी जल्द ठीक से बनवाया जाए।
रिलायंस पेट्रोल पम्प के सामने असौधा रोड की भी बेहद ख़राब स्थिति है।
डहकोरा से जुड़ा हुआ RIDA ओद्योगिक क्षेत्र जहां बहुत सारे उद्योग चल रहे हैं, यहाँ की रोड भी काफ़ी समय से बेहद दयनीय स्थिति में है जोकि ग्राम पंचायत के आधीन आता है। इसे जल्द से जल्द रिपेयर करने की आवश्यकता है।
अवैध अतिक्रमण के कारण लंबित कार्य – ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया की ग्रीन बेल्ट जो की HSIIDC के आधीन है, उसपर 20 वर्षों से भी अधिक समय से पीडब्ल्यूडी और पब्लिक हेल्थ द्वारा अतिक्रमण था। उस अतिक्रमण को भी पिछले दिनों हटाने का कार्य शुरू हुआ था परंतु वो अधूरा छोड़ दिया गया है। इस अतिक्रमण के कारण ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया में जो रोड निर्माण होना है वो कार्य भी नहीं हो पा रहा है। इस अतिक्रमण को भी जल्द से जल्द पूर्ण रूप से हटाने की आवश्यकता है।
मेट्रो लाइन का एक्सटेंशन- लाखों कर्मचारियों और हज़ारों उद्योगपतियों की ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए मेट्रो लाइन का एक्सटेंशन रोहतक तक किया जाए ताकि आगे तक की इंडस्ट्रीज और वर्कर्स को भी सुविधा हो।
गुरुग्राम और रिलायंस MET और आस पास के ओद्योगिक क्षेत्र को जोड़ने वाले रास्तों की जर्जर हालत – झज्जर जिला एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र है जहाँ 28 औद्योगिक क्षेत्र स्थित हैं। एक नया औद्योगिक क्षेत्र, जिसे रिलायंस द्वारा विकसित किया जा रहा है, मे METL है, जो फरुखनगर के पास स्थित है। यहाँ कई उद्योगपति गुरुग्राम के निवासी हैं, लेकिन गुरुग्राम को इस क्षेत्र से जोड़ने के लिए मुख्य रूप से दो मार्ग हैं। पहला, द्वारका एक्सप्रेसवे से पाटौदी रोड होकर हरसरु के रास्ते फरुखनगर की ओर। दूसरा, गुरुग्राम से धनकोट नहर वाला रास्ता। इन दोनों ही मार्गों की हालत अत्यधिक खराब है। इन्हें जल्द से जल्द ठीक कराया जाए।
उद्योगों के लिए बिजली आपूर्ति – झज्जर जिले के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में कुछ 7-8 वर्षों से लंबित नए पावर स्टेशनों के निर्माण का कार्य चल रहा है। इसे भी जल्द से जल्द पूरा कराया जाए ताकि उद्योगों में बिजली आपूर्ति में सुधार हो सके और उन्हें बेहतर सुविधाएँ मिल सकें। और समय रहते सरकार द्वारा इस योजना पर कार्य करना बेहद आवश्यक है ताकि उद्योगों को बेहतर बिजली आपूर्ति की सुविधा मिल सके।
उत्पाद-विशिष्ट कौशल प्रशिक्षण केंद्र- झज्जर जिले में उत्पाद-विशिष्ट कौशल प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएं, जो कार्यबल को उद्योग से संबंधित कौशल से लैस करेंगे।
स्वास्थ्य सुविधाएं- औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए समर्पित स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए जाएं।
फायर स्टेशन- औद्योगिक क्षेत्रों में आपात स्थितियों को तुरंत संभालने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित फायर स्टेशन स्थापित किए जाएं।
एमएसएमई योजनाओं के लिए आवेदन अवधि का विस्तार- एमएसएमई योजनाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया जाए और आवेदन अवधि को 3 महीने से बढ़ाकर 1 वर्ष किया जाए।
सामान्य सुविधा केंद्र- उद्योगों की सभी अनुपालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एकल खिड़की प्रणाली (Single Window System) लागू की जाए।
मासिक शिकायत निवारण बैठकें- उद्योग प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों के बीच मासिक बैठकों को संस्थागत रूप दिया जाए।
परिवहन नगर और लॉजिस्टिक्स हब- बहादुरगढ़ में एक लॉजिस्टिक्स हब और कंटेनर कॉर्पोरेशन टर्मिनल विकसित किया जाए।
विकास शुल्क का पारदर्शी उपयोग- विकास शुल्क का पारदर्शी उपयोग सुनिश्चित किया जाए ताकि आवश्यक बुनियादी ढांचे की सुविधाएं प्रदान की जा सकें।
हरित ऊर्जा परियोजनाओं का प्रोत्साहन- नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सोलर पैनल, बायो-गैस और अन्य प्रोजेक्ट्स को लागू किया जाए।
वातावरण सुधार के उपाय- औद्योगिक क्षेत्रों में हरित पट्टियों का विकास किया जाए और उद्योगों को पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
पारदर्शी उद्योग नीति- उद्योगों के लिए समयबद्ध मंजूरी और शुल्क निर्धारण प्रक्रिया लागू की जाए।
स्थानीय विक्रेताओं को प्राथमिकता- सरकारी खरीद नीतियों में स्थानीय उद्योगों को प्राथमिकता दी जाए।
ईएसआईसी वेतन सीमा संशोधन – बढ़ती मुद्रास्फीति और न्यूनतम वेतन में वार्षिक वृद्धि के बावजूद, ईएसआईसी कवरेज के लिए वेतन सीमा कई वर्षों से ₹21,000 पर अपरिवर्तित बनी हुई है। हम सरकार से कर्मचारियों के लिए व्यापक कवरेज और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए इस सीमा को संशोधित करने और बढ़ाने का आग्रह करते हैं।
डिजिटल इंडिया का विस्तार- छोटे और मध्यम उद्योगों को डिजिटलीकरण में मदद करने के लिए विशेष योजनाएं लागू की जाएं।
पीरागढ़ी से टीकरी बॉर्डर तक के रास्ते की जर्जर हालत – पीरागढ़ी से टिकरी बॉर्डर का रास्ता रोजाना हजारों लोग, आम जन, कर्मचारी, नेता, अधिकारी , उद्योगपति, सब इस्तेमाल करते हैं, लेकिन उसकी हालत इतनी खराब है कि 30 मिनट का रास्ता 2 घंटे में पूरा होता है और इसकी ये ख़स्ता हालत कई वर्षों से है पर इसपर कोई ध्यान नहीं दे रहा। उसे तुरंत रिपेयर किया जाए।
कोबी प्रतिनिधिमंडल ने नए साल के उपलक्ष्य में जीएसटी विभाग के अधिकारी माननीय झज्जर डीईटीसी महोदय श्री ए. के . तक्षक जी और माननीय ईटीओ महोदय श्री विजय भाटिया जी से मुलाकात कर उन्हें नव वर्ष की बधाई दी।
कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ बहादुरगढ़ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष प्रवीण गर्ग ने कहा, “हमें पूर्ण विश्वास है कि इस नव वर्ष में झज्जर जिले के उद्योगों को विकास कार्यों में तेजी मिलेगी। यदि उद्योगों को बुनियादी सुविधाएं सही ढंग से प्रदान की जाएं, तो वे अधिक रोजगार, अधिक राजस्व और प्रदेश व देश के विकास में अधिक योगदान दे सकते हैं।”
टीम कोबी ने यह भी आशा व्यक्त की कि सरकार उनकी मांगों और सुझावों को ध्यान में रखते हुए झज्जर जिले के उद्योगों के लिए ठोस कदम उठाएगी।
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आभार
टीम कोबी
हेल्पलाइन- 7500100080